पटना
जमीन विवाद से जुड़े मामलों का निपटारा चार महीने में करने की मुहिम तेज कर दी गई है। इसके तहत प्रत्येक शनिवार को थाना स्तर पर भूमि विवाद के निपटारे के लिए थानाध्यक्ष और सीओ की देखरेख में होने वाली जनसुनवाई में आने वाले सभी मामलों को भू-समाधान पोर्टल पर अपलोड करना है। साथ ही चरणबद्ध तरीके से इसका निपटारा भी करना है। गृह विभाग के इस नये फरमान के बाद अब अफसर और किरानी टाल मटोल नहीं कर पाएंगे।
फिलहाल पोर्टल पर दर्ज 73 अतिसंवेदनशील और 815 संवेदनशील मामले हैं। इनमें मापी से जुड़े 27 मामले हैं, जिनका निपटारा जून में करने को कहा गया है। इसी तरह जुलाई में संबंधित डीएम-एसपी को अतिक्रमण से जुड़े 556 मामलों का निपटारा करना है। अगस्त तक पोर्टल पर दर्ज 73 अतिसंवेदनशील मामलों में संबंधित जिलों के डीएम-एसपी पर अगस्त तक विवादित स्थल पर कैंप लगाकर इन मामलों का समाधान करना होगा।
विभाग के मुताबिक पोर्टल पर न्यायालय से संबंधित 445 मामले दर्ज हैं। इनमें 113 राजस्व न्यायालय एवं 28 लोक शिकायत निवारण न्यायालय में हैं। राजस्व न्यायालय में लंबित इन 113 मामलों को इस वर्ष सितंबर तक निबटाना है। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा अपने अधीनस्थ न्यायालय एवं संबंधित पदाधिकारियों को निदेशित किया जायेगा।
मुख्य सचिव ने की थी बैठक
गृह विभाग के मुताबिक भू-समाधान पोर्टल पर 23 मई तक 21577 मामले दर्ज हैं, जिनमें 9831 मामले निबटाये जा चुके हैं। शेष मामलों में 4181 का प्रारंभिक निष्पादन, 5282 मामले प्रक्रियाधीन और 481 मामले में मापी के लिए निर्धारित हैं। इस मामले को लेकर 23 मई को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में विशेष समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया।