छपरा
बिहार से रेल पुलिस की बेपरवाह कार्यशैली का मामला सामने आया है। अपराध की वारदात के आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस को 49 साल लग गए। इस बीच 19 साल का आरोपी 68 साल का बूढ़ा हो गया। मामला सारण जिले के छपरा का है। पुलिस ने 1974 के चोरी के मामले में 49 साल बाद 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
यह मामला सोनपुर आरपीएफ पोस्ट में दर्ज है। 23/1974 कांड संख्या में दो आरोपी 68 वर्षीय प्रभु राय और 70 वर्षीय गोधन भगत की गिरफ्तारी अब हुई है। 1974 में दोनों के खिलाफ रेलवे की लोहा चोरी का केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने बताया कि दोनों की गिरफ्तारी के लिए बार-बार छापेमारी की गई और तलाशी भी ली गई। पिछले 49 वर्षों से दोनों आरोपी फरार चल रहे थे।
यह भी कहा जा रहा है कि दोनों गांव की अपनी प्रॉपर्टी बेचकर भाग गए थे। एक आरोपी प्रभु राय को नयागांव से आरपीएफ ने दबोच लिया। उसके खिलाफ कोर्ट की ओर से गिरफ्तारी का स्थाई वारंट जारी था। दूसरे आरोपी गोधन भगत को डोरीगंज से गिरफ्तार किया गया। 2001 में इन दोनों के खिलाफ परमानेंट रेलवे कोर्ट द्वारा जारी किया गया था।
दोनों को गिरफ्तार करने के बाद सोनपुर आरपीएफ ने रेलवे कोर्ट में उन्हें पेश किया। कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। अब दोनों का बुढापा जेल में कटेगा।
पुलिस के रिकॉर्ड ने दर्ज आंकड़ों के मुताबिक जब गोधन भगत ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया था तब उसकी उम्र 20-21 साल थी। अब वह बुड्ढा हो गया है दूसरे आरोपी की उम्र वारदात के वक्त मात्र 19 साल थी। अभी और बुड्ढा हो गया है। पूरे इलाके में चर्चा है कि जवानी में खता की और बुढ़ापे में सजा पाई। पुलिस की कार्यशैली पर भी जानकार लोग सवाल उठा रहे हैं।