गया
गया जिले के बारा नरसंहार कांड के मुख्य अभियुक्त किरानी यादव को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही अभियुक्त पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में इस मामले की ऑनलाइन सुनवाई हुई। बता दें कि 12-13 फरवरी 1992 को टिकारी थाना के बारा गांव 35 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
बता दें कि 12 फरवरी 1992 की रात को टिकारी प्रखंड के बारा गांव में भूमिहार जाति के 35 लोगों के हाथ पैर बांधकर उनके गले को रेत दिया गया था। दिलदहला देने वाले इस कांड में पहले फेज में टाडा कोर्ट से जून 2001 में 13 अभियुक्तों को सजा हुई थी। इनमें से चार नन्हें लाल, कृष्णा मोची, वीर कुंवर पासवान और धर्मेंद्र सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि बाद में राष्ट्रपति ने चारों की सजा उम्र कैद में बदल दी थी। फिर 2009 में व्यास कहार, नरेश पासवान और युगल मोची को फांसी की सजा हुई। जबकि साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया। इस नरसंहार के बाद कई घरों के लोग तो गांव छोड़कर दूसरी जगह बस गए हैं।