मुजफ्फरपुर टाइम बम: जैकी की गिरफ्तारी से होगा साजिश का पर्दाफाश, कई राज्यों में छापेमारी; अब तक चार गिरफ्तार- ADG

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मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर टाइम बम मामले में एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने प्रेस वार्ता में कहा कि मुख्य आरोपी जैकी की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पाएगा की टाइम बम बनाने का मकसद क्या था। उसकी तलाश में राज्य के अंदर औ बाहर दो टीमें छापेमारी में जुटी है। जैकी ने ही अपने भाई जावेद को बम रखे झोले दिए थे। एडीजी ने कहा कि बरामद बम घातक नहीं है। बम में डेटोनेटर, स्विच या घातक विस्फोटक नहीं मिला है। फॉरेंसिक टीम की जांच जारी है। और एटीएस मामले की जांच कर रही है। NIA की जांच के बारे में जानकारी होने से उन्होने इंकार किया है। आपको बता दें मुजफ्फरपुर में 11 फरवरी की रात स्मैक तस्करों के अड्डे पर छापेमारी में बरामद तीन टाइम बम बरामद हुए थे।

इससे पहले मिठनपुरा में तीन टाइम बम के साथ गिरफ्तार मो. जावेद और हिरासत में लिए गए सैफ व उमेर से पूछताछ के बाद एटीएस की टीम ने बुलंदशहर (यूपी) के मो. समी को देर रात मिठनपुरा इलाके से हिरासत में लिया। रविवार की रात बुलंदशहर की पुलिस टीम और एटीएस पूछताछ के लिए मुजफ्फरपुर पहुंची। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मो. समी कुछ दिन पहले ही पुलवामा से लौटा था। मिठनपुरा थानेदार श्रीकांत सिन्हा ने मामले में जावेद व उसके फरार भाई जैकी के खिलाफ एनडीपीएस, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है।

जावेद को पुलिस ने शाम में कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया। डीआईयू की टीम ने शुक्रवार की देर रात तीन कोठिया मोहल्ले में स्मैक की सूचना पर छापेमारी की थी, जिसमें टाइमरयुक्त इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से लैस तीन टाइम बम भी मिले थे। इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसियां हरकत में आई। एटीएस और एनआईए की जांच का दायरा अब मुजफफरपुर से बुलंदशहर और पुलवामा तक पहुंच रहा है। मुजफ्फरपुर निवासी जावेद से पूछताछ के बाद जांच एजेंसियां अब उसके भाई जैकी की तलाश में जुटी हैं।

बताया गया कि टाइम बम बरामदगी के बाद जैकी भी घर में था, लेकिन वह पीछे छत से कूदकर फरार हो गया। उसके पकड़ में आने के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि जब्त हुआ टाइम बम शहर में किस जगह प्लांट किया जाता। अब तक की छानबीन के बाद बताया गया कि बरामद टाइम बम की घड़ी पश्चिम बंगाल से मंगाई गई थी। पुलवामा से ट्रेंड शातिरों के द्वारा टाइम बम को स्थानीय स्तर पर बनाने की आशंका है।

स्विच की तलाश में दूसरी बार खंगाला घर
बरामद टाइम बम में स्विच नहीं था। इसकी तलाश में जांच एजेंसी के अधिकारियों ने जावेद और सैफ के घर की रविवार की अहले सुबह दूसरी बार तलाशी ली। हालांकि स्विच नहीं मिल पाया है। बगैर स्विच के बम का टाइमर चालू नहीं हो पाता। जावेद, सैफ, उमेर और समी से स्विच के संबंध में पूछताछ के बाद भी जांच एजेंसी को सुराग नहीं मिल पाया। छत से कूदने में जैकी के पांव में चोट आई होगी। इस आशंका पर कई निजी अस्पतालों में भी पुलिस टीम ने उसकी तलाश की। मुजफ्फरपुर के तीन कोठिया मोहल्ला निवासी मो. सैफ उर्फ शीबू और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के मंडी चौक थाना के चालीसफुट्टा मोहल्ला का मो. उमैर अभी भी पुलिस हिरासत में है।

फेरी पर कपड़ा बेचने वाले यूपी के कई युवक अंडरग्राउंड
तीन कोठिया से रामबाग मोहल्ले तक यूपी, कश्मीर और अन्य शहरों से आने वाले युवक किराए के मकानों में रहकर फेरी में घूमकर शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में गर्म कपड़े आदि बेचते हैं। तीन कोठिया में छापेमारी के बाद कई अन्य मकानों में रह रहे दूसरे प्रदेश के फेरीवाले अंडरग्राउंड हो गए हैं। वहीं इस मामले में एसएसपी राकेश कुमार ने कहा कि जांच का दायरा कई शहरों में पहुंच गया है। अलग-अलग जांच एजेंसियां पड़ताल कर रही हैं। अब तक की जांच में कोई आतंकी कनेक्शन नहीं मिला है।

सोशल साइट पर वीडियो देख जैकी ने बनाया बम
इस पूरे प्रकरण का राजफाश जैकी की गिरफ्तारी के बाद ही हो सकेगा। चर्चा है कि सोशल साइट पर वीडियो देख टाइम बम असेंबल किया था। हालांकि, जांच एजेंसियां इसे सही नहीं मान रही हैं। यह भी बताया जा रहा है कि तीन कोठिया के एक दबंग से जैकी का विवाद हुआ था। जैकी उस दबंग से बदला लेने के लिए तैयारी कर रहा था।

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