पटना
WHO हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ स्वस्थ खाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि कैसे दुनिया एक साथ आकर सभी को लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकती है। चिकित्सा के क्षेत्र में नए खोज, नई दवाओं और नए टीकों को बनाने साथ ही स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्राथमिकता है।
डॉ शकूर मैक्सस्केयर और डायग्नोस्टिक के निदेशक, जनरल फिजीशियन डॉ.अमिल अली शकूर, ने बताया की
विश्व स्वास्थ्य दिवस विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के साथ मनाया जाता है, जिसमें स्वास्थ्य अभियान, एजकैशनल सेमिनार और कम्युनिटी आउटरीच कार्यक्रम शामिल हैं और हर साल दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ नए स्वास्थ्य विषयों पर चर्चा की जाती है..इस साल का थीम हेल्थ फॉर ऑल, सभी के लिए स्वास्थ्य थीम के साथ इसे मनाने का फैसला किया है। इस बार का विषय इस सोच को दर्शाता है कि, स्वास्थ्य एक बुनियादी मानव अधिकार है और हर किसी को बिना किसी वित्तीय कठिनाइयों के जब और जहां इसकी आवश्यकता हो उसे स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत WHO की नींव रखने के दिन के रूप में की गई थी। साल 1948 में, दुनिया के तमाम देशों ने एक साथ मिलकर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, दुनिया को सुरक्षित रखने और कमजोर लोगों की सेवा करने के लिए WHO की स्थापना की,इस साल WHO अपनी 75वीं वर्षगांठ भी मना रहा है,
जनरल फिजीशियन डॉ.अमिल अली शकूर बताते हैं कि WHO की डेटा ने भारत में एक और बढ़ते स्वास्थ्य संकट पर प्रकाश डाला है और यह है मोटापा और एनीमिया हैं, रिपोर्ट के अनुसार, अब पुरुषों की तुलना में दोगुनी महिलाएं एनीमिया से प्रभावित हो रही हैं। एनीमिया बढ़ने पर कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं, अगर आप को एनीमिया का जरा सा भी शक हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क करे, एनीमिया से संबंधित सभी ब्लड टेस्ट करावे जैसे हीमोग्लोबिन और आयरन प्रोफाइल!