समय पर नहीं खुलता रजिस्ट्रेशन काउंटर, डॉक्टर भी ओपीडी में मरीजों को देखने नहीं बैठते, एप ने खोली बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल

भागलपुर
भागलपुर जिले के आधे दर्जन से अधिक सरकारी अस्पतालों में न तो समय पर मरीजों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए काउंटर ही खुलता है और न ही समय पर अस्पतालों में डॉक्टर मरीज का इलाज करने के लिए ओपीडी में बैठते हैं। ये हम नहीं बल्कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा मरीजों के लिए बनाये गय संजीवनी एप बोल रहे हैं।
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने जब संजीवनी एप से होने वाले इलाज की समीक्षा की तो सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज की कलई खुल गयी। नाराज सीएस ने लापरवाह डॉक्टर व अस्पतालों के प्रभारी को अपने कार्यशैली व अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने का निर्देश दिया है। मरीज अगर संजीवनी एप इलाज के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराता है तो तत्काल मरीज को समय व स्थान के साथ सरकारी अस्पताल भेज देता है। लेकिन जिले के दोनों अनुमंडलीय अस्पताल व अधिकांश रेफरल अस्पताल एवं पीएचसी पर मरीज जब इलाज के लिए पहुंचता है तो पता चलता है कि या तो काउंटर खुला है तो डॉक्टर नहीं है या फिर काउंटर का कर्मचारी ही गायब रहता है।
सिविल सर्जन ने बताया कि सभी अस्पतालों के प्रभारी को पत्र भेजकर निर्देश दिया गया है कि ओपीडी के खुलने का टाइम सुबह आठ बजे है। इस दौरान ओपीडी, रजिस्ट्रेशन एवं दवा काउंटर हर हाल में न केवल खुल जाने चाहिए बल्कि डॉक्टर भी बैठा होना चाहिए। अब लापरवाही मिली तो मुख्यालय सीधे कार्रवाई करेगा।