रासायनिक पदार्थों को मिलाने में हुई चूक के कारण हुआ था धमाका, एटीएस ने पुलिस मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट

पटना
भागलपुर और गोपालगंज धमाके की वजह पटाखा निर्माण में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक पदार्थों को मिलाने में हुई चूक हो सकती है। एटीएस ने अपनी जांच के बाद धमाकों की वजह को लेकर यही संभावना जताई है। साथ ही उसने साफ कर दिया है कि दोनों जगह हुए धमाके में कहीं भी आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) या उच्च क्षमता विस्फोटक के इस्तेमाल के कोई साक्ष्य नहीं पाये गये हैं।
भागलपुर के ततारपुर थाना और गोपालगंज के फुलवरिया थाना क्षेत्र में अवैध पटाखा पैक्ट्री में पिछले दिनों जोरदार धमाका हुआ था। भागलपुर की घटना में 15 जबकि गोपालगंज में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। दोनों ही जगह एटीएस की टीम जांच करने गई थी। गोपालगंज में हुई घटना की जांच के लिए खुद एटीएस के एडीजी रवींद्रण शंकरण गए थे। एटीएस ने दोनों ही स्थान की बारीकी से जांच की और कई पहलुओं पर छानबीन की थी।
एटीएस ने अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है। पुलिस मुख्यालय को दी गई रिपोर्ट में दोनों ही जगहों से आतिशबाजी में इस्तेमाल रासायनिक पदार्थों की बरामदगी हुई है। हालांकि दोनों जगहों पर पटाखा के निर्माण का लाइसेंस नहीं था। जांच में पाया गया कि पटाखा निर्माण और उचित तरीके से भंडारण की जानकारी नहीं थी। एटीएस को आशंका है कि पटाखा में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक पदार्थों के मिश्रण के अनुपात की सही जानकारी नहीं होना भी विस्फोट का एक कारण हो सकता है।
रासायनिक पदार्थों के स्रोत पर चोट करने की सलाह
एटीएस ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। इसमें प्रमुख तौर पर पटाखा के अवैध निर्माण के लिए रासायनिक पदार्थों की उपलब्धता के स्रोत की पहचान कर कार्रवाई भी शामिल है। इसके अलावा पटाखा के अवैध निर्माण, बिक्री, भंडारण और परिवहन के संबंध में थाना स्तर पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का भी सुझाव भी दिया गया है। साथ ही जिनके पास इसका लाइसेंस हैं उसकी समय-समय पर स्टॉक और वितरण पंजी की जांच के लिए भी कहा गया है। पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री केंद्र को घनी आबादी से दूर रखने की सलाह भी दी गई है। वहीं चीन निर्मित पटाखा के व्यापार और परिवहन पर विशेषकर नियंत्रण रखने को कहा गया है।