PMCH: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहीं हैं दवाएं, 78 दवाएं मिलनी हैं मुफ्त, उपलब्ध केवल 21 ही

पटना
महेंद्रू की रंजना श्रीवास्तव (बदला नाम) पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में इलाज कराने पहुंची। डॉक्टर से दिखाने के बाद दवा लेने मेडिसिन काउंटर पर पहुंची। वहां डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद जब नंबर आया तो कर्मी ने सिर्फ पारासिटामोल होने की बात कही। डॉक्टर ने एक इंजेक्शन समेत पांच दवाइयां लिखी थीं। इस संबंध में डॉक्टर से बात करने पर कहा कि को जरूरी दवाइयां ही लिखी गई हैं। स्किन ओपीडी में इलाज कराने आए बाजार समिति के अंकित सिंह ने बताया कि डॉक्टर ने उनको खाने की तीन दवा और लगाने के लिए दो स्किन क्रीम लिखी थी। काउंटर पर उन्हें सिर्फ खाने की एक दवा ही मिल सकी। महंगी दोनों दवाएं वहां खुले जनऔषधि केंद्र में नहीं मिलीं।
जहानाबाद की रजनी (बदला नाम) भी बीमारी से पीड़ित होकर हथुआ वार्ड में भर्ती थी। उनके लिए जरूरी कई दवाइयां उनके परिजन को बाहर से लाने की सलाह दी गई। वहां तैनात एक नर्स ने बताया कि पिछले कई दिनों से जरूरी एंटीबायोटिक व अन्य कई दवाइयों की कमी हो गई है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में आने वाले गरीब मरीजों को दवाइयों की खरीद में बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है। वह भी तब जब इस अस्पताल में सभी दवाइयां नि:शुल्क देने का प्रावधान है।
बीएमएस आईसीएल के मानकों के अनुसार राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 78 प्रकार की जबकि भर्ती मरीजों के लिए 113 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध रहने का प्रावधान किया गया है पर ओपीडी में मात्र 21 प्रकार की दवाएं ही हैं। वहीं भर्ती होने वाले मरीजों के लिए 60 से 65 प्रकार की दवाएं ही स्टॉक में हैं। बीएमएसआईसीएल से समय पर दवाओं की आपूर्ति नहीं होने और पीएमसीएच प्रशासन द्वारा खरीद नहीं किए जाने के कारण यह संकट उत्पन्न हो गया है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर ने बताया कि यह सही है कि ओपीडी में एक दिन पहले तक 21 प्रकार की दवा ही रह गई थी, पर शुक्रवार को बीएमएसआईसीएल से लगभग 20 प्रकार की दवाइयों की आपूर्ति की गई है। सोमवार से 42 प्रकार की दवाएं उपलब्ध होंगी।
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवाओं का टोटा
एनएमसीएच में दवा की किल्लत बनी हुई है। यह स्थिति सर्जिकल विभाग में तो और दयनीय है। हालांकि इमरजेंसी में आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है। मगर सामान्य वार्ड में भर्ती मरीजों व ऑपरेशन कराने वालों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है। सर्जिकल विभाग में तो क्रैप बैंडेज से लेकर जिग जैग कॉटन रोल भी नही है। गुरुवार को ऑपरेशन के लिए आए एक मरीज को तो सेवलान तक की सूची दे दी गई।
पीएमसीएच को दवा की खरीद के लिए एनओसी दे दिया गया है। जो दवा कम होगी उसकी खरीद पीएमसीएच प्रशासन अपने स्तर पर कर सकता है। जब दवा की आपूर्ति होगी तो बीएमएसआईसीएल द्वारा पीएमसीएच को दवा की आपूर्ति कर दी जाएगी।
बीएमएसआईसीएल से दवा खरीद के लिए कोई लिखित एनओसी पीएमसीएच को नहीं मिली है। दवा की कमी की सूचना बीएमएसआईसीएल को दी गई है। एजेंसी से सप्लाई के बाद उपलब्ध कराने का आश्वासन भी कॉरपोरेशन से मिला है। अगर एनओसी मिलेगी तो टेंडर द्वारा ही दवा की खरीद हो पाएगी। अभी 41-42 प्रकार की दवा उपलब्ध है। हमने जुलाई तक की दवा उपलब्ध कराने के लिए पत्र भी लिखा है।