पिल्स या एंटीबॉडी थेरेपी, Omicron के खिलाफ कौन ज्यादा असरदार? स्टडी में मिला यह जवाब

नई दिल्ली
अब तक कई अध्ययनों में यह कहा जा चुका है कि कोरोना वायरस का Omicron वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है। इस वेरिएंट के खिलाफ पिल्स या एंटीबॉडी थेरेपी में से कौन ज्यादा असरदार है? इस सवाल का जवाब एक स्टडी में दिया गया है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 के इलाज में इस्लेमाल होने वाली पिल्स जिन दवाइयों से बनी है वो इस वेरिएंट के खिलाफ काफी असरदार हैं। एक लैब टेस्ट के आधार पर इस बात का खुलासा किया गया है। यह रिसर्च ‘New England Journal of Medicine’ में प्रकाशित किया गया है।
इस लैब टेस्ट में इस बात का भी पता चला है कि कोविड के खिलाफ जो एंटीबॉडी थेरेपी (जो अस्पतालों में ज्यादातर नसों के जरिए दिये जाते हैं) मौजूद हैं वो Omicron के खिलाफ कम असरदार हैं। हालांकि यह थेरेपी ओमिक्रॉन से पहले मिले कोरोना के अन्य वेरिएंट के खिलाफ असरदार है। अगर इंसानों में यह एंटीवायरल पिल्स ओमिक्रॉन को पूरी तरह से ठीक करने में कामयाब हो जाए तो यह एक बेहतरीन बात होगी। स्वास्थ्य अधिकारियों को भरोसा है कि यह पिल्स कोविड-19 के इलाज में एक अहम भूमिका निभाएगी और मरीजों के इलाज में कारगर होगी तथा महामारी से आया बोझ भी इससे कम होगा।
इस अध्ययन में आए निष्कर्षों की तुलना अन्य अध्ययनों से जब की गई तब यह पता चला कि ज्यादातर मौजूदा एंटीबॉडी ट्रीटमेंट ओमिक्रॉन के खिलाफ कम असरदार हैं। हालांकि, अभी ड्रग मेकर्स ओमिक्रॉन वेरिएंट को देखते हुए नए एंटीबॉडी ड्रग्स बना सकते हैं लेकिन इसमें कई महीनों का समय लगेगा। वायरोलॉजिसट योशिहिरो कोवौका ने कहा, ‘अच्छी बात यह है कि हम इससे ओमिक्रॉन से संक्रमितों का इलाज कर पाएंगे। यह अच्छी बात है। हालांकि, अभी यह प्रयोगशाला में किया गया अध्ययन है। यह इंसानों पर काम करेगा या नहीं…हमें अभी तक नहीं पता है।’
ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान से पहले क्लिनिकली तौर से मौजूद पिल्स और एंटीबॉडी का टेस्ट किया गया था। इस स्टडी में शामिल योशिहिरो कोवौका ने कहा कि लैब में यह प्रयोग नॉन-ह्यूमन प्राइमेट सेल पर किया गया था। उनकी टीम ने ओमिक्रॉन, डेल्टा और अल्फा वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी और एंटीवायरल थेरेपी पर अध्ययन किया है।
कहा जा रहा है कि Molnupiravir पिल और Remdesivir दवा ओमिक्रॉन के खिलाफ असरदार है। टीम ने मुंह के द्वारा दिये जाने वाले पी-फाइजर की Paxlovid पिल के बजाए नसों के जरिए दिये जाने वाले ड्रग की टेस्ट की है। अध्ययनकर्ताओं को पता चला कि नसों के द्वारा दी जाने वाली दवा ओमिक्रॉन के खिलाफ ज्यादा असरदार है। इस अध्ययन के दौरान सभी चार एंटीबॉडी ट्रीटमेंट का टेस्ट किया गया जो ओमिक्रॉन के खिलाफ कम असरदार पाए गए।