गायघाट रिमांड होम केस में कार्रवाई नहीं होने पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, राज्य सरकार से मांगा जवाब

पटना
पटना हाईकोर्ट ने गायघाट उत्तर रक्षा गृह मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर फटकार लगाई है। साथ ही राज्य सरकार से पूछा है कि इस मामले में अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। सोमवार की सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर की गई। इसकी प्रति राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुई थी। इस कारण सुनवाई 11 फरवरी तक टाल दी गई।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की। मामले की वकील और महिला विकास मंच की लीगल एडवाइजर मीनू कुमारी ने बताया कि खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। उनसे पूछा कि सरकार की तरफ से क्या कार्रवाई की गई है? कोर्ट ने पूछा कि आपने कोई एक्शन लिया या नहीं? इस पर सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि अभी इसमें कार्रवाई नहीं हुई है। एक बार पीड़िता की बातों को सुनकर ही कार्रवाई की जाएगी। इस पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाई और पूछा कि अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने को भी कहा था। इस मामले पर अब 11 फरवरी को सुनवाई की जाएगी।
कमेटी की अनुशंसा पर याचिका रजिस्टर्ड
हाईकोर्ट ने इस याचिका को पटना हाईकोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है। इस कमेटी में न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार अध्यक्ष हैं। न्यायमूर्ति अंजनी कुमार शरण और न्यायमूर्ति नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं। कमेटी ने इस मामले में 31 जनवरी को प्रकाशित रिपोर्ट और वायरल वीडियो को गंभीरता से लिया। वहां रह रही 260 से ज्यादा महिलाओं की दयनीय स्थिति पर चर्चा की। कमेटी भी हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपेंगी।
अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं
वायरल वीडियो के अनुसार पीड़िता ने आरोप लगाया कि केयर होम में रहने वाली उसके जैसी और अन्य को दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है। सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती है। कमेटी द्वारा अन्य बातों के अलावा यह भी देखा गया कि पीड़िता द्वारा आश्चर्यजनक खुलासा यह भी किया गया है कि अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में बहाना बनाकर आने दिया जाता है। ये इनके जीवन और मर्यादा को और जोखिम में डाल देता है। यह भी आश्चर्यजनक है कि पीड़िता द्वारा किये गए खुलासे के बाद भी कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।