गवाहों की सुरक्षा करेगी नीतीश सरकार, हर जिले में बनेंगे कॉम्पलेक्स; इस तरह आरोपी के सामने आए बिना ही पूरी हो जाएगी प्रक्रिया

पटना
संवेदनशील आपराधिक मामले जिसमें खासतौर पर महिलाएं और बच्चे पीड़ित हुए हों, वैसे मामलों में गवाही के लिए कोर्ट में विशेष व्यवस्था होगी। ऐसे मामलों में गवाहों का अभियुक्तों से अब आमना-सामना नहीं होगा। गवाही के दौरान राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि बगैर अभियुक्त के सामने आए ही गवाही की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। इसके लिए सभी जिलों में गवाहों के लिए एक विशेष सुरक्षा परिसर (कॉम्प्लेक्स) बनाया जाएगा, जहां से गवाह अपनी गवाही दर्ज करा सकेंगे
बिहार विधानसभा में भोजनावकाश के बाद गृह विभाग के वित्तीय वर्ष 2022-23 के 14,37,275.79 लाख के बजट पर चर्चा के बाद प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिहार में आपराधिक मामलों की जांच, अभियोजन एवं ट्रायल को निष्पक्ष बनाने के लिए गवाहों को निर्भीक होकर गवाही देने के उद्देश्य से ‘बिहार गवाह सुरक्षा योजना’ को क्रियान्वित किया गया है। इसके तहत राज्य के सभी जिलों में विशेष परिसर ‘वर्नेबुल विटनेस डिपोजिशन कॉम्प्लेक्स’ का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, बिहार गवाह सुरक्षा योजना, 2018 के क्रियान्वयन को लेकर गवाह सुरक्षा निधि का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य मुख्यालय स्तर ‘अनुसंधान प्रबोधन कोषांग’ के गठन के लिए पुलिस अधीक्षक का एक, पुलिस उपाधीक्षक के सात, पुलिस निरीक्षक के 13, एएसआई स्टेनो के आठ, कंप्यूटर संचालक के 21, सिपाही के 11 और चालक सिपाही के आठ समेत कुल 69 पद सृजित किए गए हैं। बिहार राज्य औद्योगिक सुरक्षा बटालियन के 2428 पदों तथा भारत सरकार के इंडिया रिजर्व बटालियन के पैटर्न पर अतिरिक्त आईआर बटालियन के 1069 पदों का नए सिरे से गठन किया गया है।
वहीं, नालंदा के राजगीर थाना अंतर्गत नेचर सफारी ओपी एवं इसके संचालन के लिए 96 पदों का सृजन, गया के शेरघाटी अनुमंडल के डोभी थाना अंतर्गत ग्राम बहेरा में ओपी सृजन एवं उसके संचालन के लिए 32 पदों का सृजन तथा रेल जिला जमालपुर अंतर्गत अभयपुर रेलवे स्टेशन पर रेल पीपी अभयपुर का सृजन किया गया है। राज्य में विधि व्यवस्था बनाए रखने में गुणात्मक सुधार लाने एवं अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण रखने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक के कार्यालयों को पुनर्गठित किया गया है।
थाना-ओपी के 114 भवनों के निर्माण को मंजूरी
उन्होंने बताया कि गृह विभाग द्वारा सभी 220 भवनहीन थाना/ ओपी में से अब तक 114 भवनों के निर्माण की मंजूरी दी जा चुकी है। शेष 106 भवनहीन भवनों के निर्माण की स्वीकृति की कार्रवाई बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम, पटना एवं पुलिस मुख्यालय से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर की जा रही है। महिला एवं पुरुष सिपाहियों के प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था के उद्देश्य से बिहार पुलिस एकेडमी, राजगीर में ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए चार हजार सिपाहियों (दो हजार महिला एवं दो हजार पुरुष) के प्रशिक्षण के लिए आवासन हेतु बैरक एवं क्लास रूम में भवन का निर्माण कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है। विशेषीकृत इकाइयों के क्षेत्रीय कार्यालयों के सुदृढीकरण के लिए नौ क्षेत्रीय कार्यालयों में उपलब्ध भूमि पर संयुक्त भवन एवं क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के भवन निर्माण की मंजूरी दी गयी है। उन्होंने बताया कि अब तक 7059 कब्रिस्तानों की घेराबंदी की गयी है, शेष का कार्य प्रक्रियाधीन है।
गृह विभाग के बजट पर हुआ मत विभाजन, प्रस्ताव गिरा
विधानसभा में गृह विभाग व अन्य के बजट प्रस्ताव पर 16 सदस्य चर्चा में शामिल हुए और इसके बाद विपक्ष मत विभाजन पर अड़ गया। प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विपक्ष के ललित यादव से विभागीय बजट में 10 रुपये के कटौती प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया, लेकिन विपक्ष ने इनकार किया। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मत-विभाजन का आसन से नियमन दिया और फिर सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया गया।
इसके बाद अध्यक्ष ने पहले सत्ता पक्ष के सदस्यों को अपनी सीट पर ही खड़े होने को कहा गया और उनकी गिनती की गयी। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों को सीट पर ही खड़े होने को कहा गया और उनकी गिनती की गयी। गिनती के बाद विधानसभा सचिव ने अध्यक्ष को गिनती का परिणाम सौंपा। अध्यक्ष ने गिनती के परिणाम की घोषणा की और बताया कि बजट मांग के पक्ष में 113 एवं विरोध में 60 वोट प्राप्त हुए। इसके साथ ही, विपक्ष का प्रस्ताव सदन में गिर गया।