बिहार की ‘मुन्नाभाई’ छात्रा की कारस्तानी, MBBS में दाखिले के लिए दिया फर्जी दस्तावेज, पकड़े जाने पर दी धमकी

मुजफ्फरपुर
एसकेएमसीएच में एमबीबीएस नामांकन जारी है। अभ्यर्थी को सीट अलॉटमेंट लेटर दिया जा रहा है, जिसके आधार पर दाखिले की प्रक्रिया पूरी हो रही है। इस बीच शनिवार को मोतिहारी की एक छात्रा फर्जी अलॉटमेंट लेटर लेकर दाखिला कराने आई। शक होने पर जब उसके पेपर की जांच की गई तो उसमें छेड़छाड़ पाया गया। दूसरे अभ्यर्थी का क्रमांक सॉफ्टवेयर के माध्यम से एडिट किया गया था। इस आधार पर उक्त अलॉटमेंट लेटर को निरस्त कर दिया गया। एफआईआर कराने की चेतावनी दी गई तो छात्रा धमकी देती हुई निकल गई।
एसकेएमसीएच के नामांकन प्रभारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि पोर्टल पर जांच में अलॉटमेंट लेटर गलत पाया गया। बताया कि फर्जीवाड़ा पकड़ाने के बाद पहले तो छात्रा ने सभी को गुमराह करने की कोशिश की। दावा करती रही कि उसने ऑनलाइन कांउसिलिंग की प्रक्रिया पूरी की है। इसके बाद उसे अलॉटमेंट लेटर मिला है।
साइबर कैफे में कराया एडिट
डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि गया में भी तीन दिन पहले ऐसा ही एक मामला आया है, जिसमें एक छात्रा ने 30 हजार में एक साइबर कैफे से फर्जी अलॉटमेंट लेटर तैयार कराया था। अलॉटमेंट लेटर पर दूसरी छात्रा का क्रमांक एडिट किया गया था।
दूसरी छात्रा का क्रमांक बदलकर ले आई अलॉटमेंट लेटर
बताया जाता है कि जिस छात्रा का अलॉटमेंट लेटर था, उसका दाखिला बेतिया मेडिकल कॉलेज में हो चुका है। क्रमांक से उसकी छानबीन की गई तो पता चला कि उक्त अलॉटमेंट लेटर बेतिया मेडिकल कॉलेज में नामांकित एक छात्रा का था, जिसको इस छात्रा ने एडिट कर दूसरा फर्जी अलॉटमेंट लेटर तैयार करवा लिया। बता दें कि इससे पहले भी एसकेएमसीएच से मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले का तार जुड़ा था। करीब एक दर्जन छात्र इससे प्रभावित हुए थे।
पोर्टल पर एडिट के विकल्प का उठा रहे फायदा
जानकारी के अनुसार नामांकन पोर्टल पर एडिट करने की गुंजाइश है। इसी कारण साइबर कैफे वाले नाम को एडिट कर दे रहे हैं। एसकेएमसीएच में 120 सीट है। इसमें बिहार संयुक्त प्रवेश परीक्षा से 98 सीट का कोटा है, जिस पर नामांकन चल रहा है। ऑल इंडिया कोटा से 18 तथा केन्द्र सरकार के विशेष कोटा के तहत चार सीटें हैं।
नामांकन में जो फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, उससे बोर्ड को अवगत करा दिया गया है। जैसा निर्देश मिलेगा, आगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। नामांकन प्रक्रिया में ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है।