2020 में कोरोना के कारण आधिकारिक आंकड़ों से ज्यादा मौतें हुईं, सरकारी आंकड़ों में खुलासा

नई दिल्ली
भारत के रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (ओआरजीआई) द्वारा जारी ताजा आंकड़े इस बात के ताजा सबूत पेश करते हैं कि भारत की आधिकारिक कोविड-19 मृत्यु दर को कम करके आंका गया था। ओआरजीआई द्वारा जारी मौतों के चिकित्सा प्रमाणन के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के कारण मौतें 2020 में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण थीं।
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया भारत के गृह मंत्रालय के तहत काम करता है और इसने 25 मई को आंकड़े जारी किए थे। इसके मुताबिक, 2020 में भारत में कोरोना संक्रमण के कारण 1,60,618 मौतें हुई थीं। यह उस साल मेडिकली प्रमाणित हुईं कुल 1,811,688 लाख मौतों का 8.9 प्रतिशत हिस्सा है। मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ्स (एमसीसीडी) पर ये आंकड़े नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) से एकत्रित किए गए हैं।
यह संख्या 2020 में कोविड-19 से भारत की आधिकारिक मृत्यु के रूप में बताई गई संख्या से अधिक है। एचटी ने राज्यों द्वारा जारी किए गए कोविड-19 बुलेटिन के आंकड़ों को जुटाया है जिसके मुताबिक 2020 में कोरोना से मृत्यु की आधिकारिक संख्या 149,036 है जबकि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने इसे 1,60,618 बताया है। इसका मतलब यह है कि 11,582 या कुल मौतों का 7.2% राज्यों के कोविड-19 बुलेटिन में दर्ज नहीं किया गया था।
यह इस तथ्य के बावजूद है कि चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मौतें सभी पंजीकृत मौतों के एक चौथाई से भी कम हैं और सभी मौतें पंजीकृत नहीं हैं। पंजीकृत किए गए 8,062,070 की तुलना में 2020 में 1,811,688 मौतों को चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित किया गया था। 2020 सीआरएस रिपोर्ट में पंजीकरण के स्तर की सूचना नहीं दी गई थी।
2020 में, एमसीसीडी डेटा और सीआरएस डेटा दोनों की रिपोर्ट करने वाले राज्यों के बीच पंजीकृत मौतों के हिस्से के रूप में चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मौतें 1991 के बाद से सबसे अधिक थीं। 8,062,070 पंजीकृत मौतों में से 22.5% को 2020 में चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित किया गया था, जो 2017 में दर्ज पिछले उच्च (22%) की तुलना में 0.5 प्रतिशत अधिक है।
25 मई को ओआरजीआई द्वारा जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के एक बुलेटिन से पता चलता है कि महामारी ने 2020 में भारत में मृत्यु दर में गिरावट की प्रवृत्ति को भी रोक दिया है। वर्ष 2014 से 2019 के लिए भारत की मृत्यु दर 6.7%, 6.5%, 6.4%, 6.3%, 6.2% और 6% थी। 2020 में और गिरावट के बजाय, मृत्यु दर 6% पर स्थिर रही।
ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में यह ट्रेंड नहीं था। ग्रामीण क्षेत्रों में मृत्यु दर 2019 में 6.5% से घटकर 2020 में 6.4% हो गई, लेकिन शहरी क्षेत्रों में 5% से बढ़कर 5.1% हो गई। सीआरएस के विपरीत, जो जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के आधिकारिक रिकॉर्ड पर आधारित है, एसआरएस डेटा एक नमूना सर्वेक्षण पर आधारित है।