दंपति को हत्या मामले में भेजा जेल, राज्य मानवाधिकार आयोग ने दिया दो लाख मुआवजे का आदेश, जानें पूरा मामला

पटना
ट्रक चालक की हत्या की घटना में बेकसूर दंपति को जेल भेजने के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग के फैसले के बाद पीड़ित को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान होगा। गृह विभाग ने आयोग के आदेश के मुताबिक संयुक्त रूप से 2 लाख रुपए के भुगतान का आदेश जारी कर दिया है। पूर्वी चंपारण के चकिया थाना कांड संख्या 6/2012 में अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने बगैर किसी ठोस आधार के हीरा सहनी और उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
लंबे समय से जेल में रहने के बाद इन्हें उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। बाद में मामला राज्य मानवाधिकार आयोग पहुंचा। आयोग के सदस्य उज्ज्वल कुमार दुबे ने एसपी पूर्वी चंपारण से रिपोर्ट तलब की। जांच में दंपति के बेकसूर पाए जाने के बाद एसपी ने आईओ को दोनों को रिहा करने के लिए अदालत में प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया पर आईओ ने ऐसा नहीं किया। सुनवाई के दौरान यह बात भी उजागर हुई कि भूमि-विवाद के एक मामले में पीड़ित दंपति के रिश्तेदार द्वारा उनका नाम इस केस में लिया गया था पर आईओ विनय कुमार सिंह ने स्वीकारोक्ति बयान पर ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
उन्होंने न तो कोई साक्ष्य जुटाया, न ही अनुसंधान करना मुनासिब समझा था। इस मामले में पिछले दिनों आयोग ने इसे मानवाधिकार हनन का मामला मानते हुए पीड़ित दंपति को 2 लाख की क्षतिपूर्ति के भुगतान का आदेश दिया था। गृह विभाग ने भी राशि के भुगतान की स्वीकृति दे दी है। आयोग ने यह सरकार को छोड़ा है कि क्षतिपूर्ति राशि की कटौती दोषी पुलिस अधिकारी के वेतन से की जाए या नहीं।