औरंगाबाद: पहले दर्ज कराई रेप की एफआईआर, फिर कोर्ट में अपने बयान से मुकरी युवती; अदालत ने दिए कार्रवाई के निर्देश

औरंगाबाद
बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराने के बाद अदालत में अपने बयान से मुकरने पर अब युवती पर ही कोर्ट ने कार्रवाई शुरू कर दी है। एडीजे छह सह पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार ने कार्रवाई के लिए पत्र जारी कर दिया है। जानकारी के अनुसार औरंगाबाद नगर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती ने महिला थाना में 1 अप्रैल 2021 को एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा था कि वह सुबह में सर्टिफिकेट लेकर फोटोकॉपी कराने बाजार गई थी।
इस दौरान श्री कृष्ण नगर निवासी शानू उर्फ शिवम कुमार उससे मिला। वह उसे पहचानती थी और बातचीत होती थी। उसने अपने दोस्त अमित से मिलवाया। युवती का जन्मदिन होने की बात कह कर उसे अमित के घर पर ले गए। यहां शानू उर्फ शिवम ने उसके साथ गलत काम किया जिसका वीडियो अमित ने बनाया था। बाद में उसका वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई।
प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू की थी और आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अदालत में सुनवाई के क्रम में शिकायतकर्ता अपने बयान से मुकर गई। उसने कहा कि यह प्राथमिकी उसने दर्ज नहीं कराई है। पुलिस ने अपने मन से यह प्राथमिकी दर्ज की है। हालांकि उक्त युवती ने 164 के बयान में यह कहा था कि उसके साथ घटना घटी है। अदालत ने इसे गंभीर मामला मानते हुए युवती पर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है।
स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि अदालत के आदेश पर अब उक्त युवती पर कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत मुकदमा दर्ज होगा। उन्होंने बताया कि युवती न्यायालय में अपने बयान से पूरी तरह पलट गई थी जबकि उसने मुकदमे में गंभीर आरोप लगाए थे। इसको देखते हुए अदालत ने कार्रवाई की है।
व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद के एडीजे छह सह स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने वाद में पीड़िता की गवाही में अपने पूर्व बयान से पलट जाने पर प्राथमिकी दर्ज कराने को पत्र भेजा है। सीजेएम के न्यायालय में पीड़िता की प्राथमिकी की छाया प्रति, पुलिस में दिए बयान की छाया प्रति, मजिस्ट्रेट कोर्ट में बयान की छाया प्रति अपने कोर्ट से भेजी है।
स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि पीड़िता के बयान से पलट जाने पर 28 फरवरी को अभियुक्त शिवम कुमार और अमित कुमार को दोषमुक्त किया गया था। 11 महीने तक जेल में रहने के बाद दोनों आरोपी निर्दोष साबित हो गए। स्पेशल पीपी ने बताया कि पुलिस ने घटना के बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दोनों करीब 11 महीने तक जेल में बंद रहे लेकिन अब दोषमुक्त करार दिए गए हैं।