अपनी एंबुलेंस कबाड़, जो उधार की मिली वो भी बेकार; बिना ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के ढोए जाएंगे एईएस मरीज

मुजफ्फरपुर
एईएस के मरीज बिना ऑक्सीजन और वेंटिलेटर वाले एंबुलेंस में अस्पताल तक पहुंचाये जायेंगे। सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक के एंबुलेंस में वेंटिलेटर नहीं हैं। एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर तो हैं पर गैस गायब है। एईएस से निपटने के लिए जिले को मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के 14 एंबुलेंस भी दिये गये हैं, लेकिन इन एंबुलेंस में भी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा नदारद है। हालांकि जिला स्वास्थ्य प्रबंधक बीपी वर्मा का कहना है कि हमारे पास पर्याप्त एंबुलेंस हैं।
पीएचसी और सदर अस्पताल मिलाकर 57 एंबुलेंस हैं, इसलिए मुख्यमंत्री परिवहन योजना के एंबुलेंस को जरूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल में लाया जायेगा। मुख्यमंत्री परिवहन योजना के एंबुलेंस को 400 रुपये की दर से भुगतान किया जना है। डॉक्टरों की मुताबिक एईएस पीड़ित बच्चों को ऑक्सीजन और गंभीर हालत में वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग ने शव वाहन को भी एंबुलेंस में जोड़ा है। शव वाहन की जर्जर हालत में हैं। सदर अस्पताल का शव वाहन तीन महीने मरम्मती के इंतजार में है। वाहन को दवा ढोने के काम में लाया जाता है। वाहन की सीट बैठने लायक तक नहीं है।
एईएस प्रोटोकॉल को पूरा नहीं करते एंबुलेंस
सदर से लेकर पीएचसी और परिवहन योजना से एंबुलेंस एईएस के प्रोटोकॉल को पूरा नहीं करते हैं। एईएस के प्रोटोकॉल के तहत पीड़ित बच्चों को एसी में ही लेकर अस्पताल तक जाना है। लेकिन वाहनों की एसी खराब है। इसके अलावा कई एंबुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल किट भी नहीं है। अगर रास्ते में किसी को बच्चे की तबीयत खराब हुई तो उसका इलाज एंबुलेंस में नहीं किया जा सकता है। सरकारी एंबुलेंस की खिड़कियां भी टूटी हुई हैं। कई के सायरण नहीं बजते हैं। पूर्व सीएस डॉ विनय कुमार शर्मा ने एंबुलेंस की स्थिति में सुधार के लिए एंबुलेंस संचालन करने वाली एजेंसी को निर्देश भी दिया था लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार एंबुलेंस में नहीं हुआ।
कोरोना काल में ठीक होने से एंबुलेंस, एईएस आने पर भी नहीं हुए
कोरोना की तीसरी लहर में भी पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल के एंबुलेंस को ठीक किया जाना था लेकिन कोरोना बीतने और एईएस के सिर पर आने तक भी एंबुलेंस को ठीक नहीं किया गया। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एनके चौधरी ने बताया कि नयी एंबुलेंस गाड़ियों के लिए लिख दिया गया है। जो भी एंबुलेंस गड़बड़ है उसे ठीक किया जा रहा है।
पंच परमेश्वर को मिलेगी एईएस से बचाव की ट्रेनिंग
एईएसए से बचाव को लेकर मुखिया, सरपंच और पंचों को भी ट्रेनिंग दी जायेगी। इसके लिए शनिवार को जिला स्वास्थ्य विभाग ने शेड्यूल तैयार किया। सभी वार्ड के सदस्यों को भी एईएस से बचाव और इसके प्रचार प्रसार के बारे में बताया जायेगा। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि सभी लोगों को ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद पंचायत स्तर पर गोष्ठी भी होगी।