Saturday, June 10, 2023
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जातीय जनगणना पर SC से भी नीतीश सरकार को झटका, HC के फैसले में दखल से किया इनकार

नई दिल्ली

बिहार में जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट की ओर से लगाए स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची नीतीश सरकार को झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई करने से इनकार कर दिया है और कहा कि जब यह मसला उच्च न्यायालय में लंबित है तो फिर हम सुनवाई क्यों करें। अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय में यह केस लंबित है और उन्होंने 3 जुलाई को सुनवाई करने की बात कही है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या हमें इस मामले में दखल देना चाहिए? जस्टिस एएस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल ने कहा कि हम इस मामले पर सुनवाई नहीं करेंगे क्योंकि 3 जुलाई को हाई कोर्ट सुनवाई करेगा।

इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि यदि हाई कोर्ट में 3 जुलाई को इस रिट को नहीं लिया जाता है तो फिर हम 14 जुलाई को आपकी अर्जी पर विचार करेंगे। बिहार सरकार की अर्जी पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस ओका ने कहा, ‘हमें इस मामले में इस स्तर पर दखल क्यों देना चाहिए। हाई कोर्ट इस मामले में 3 जुलाई को सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने प्रथम दृष्ट्या कुछ बातें कही हैं। हम यह नहीं कह रहे कि हाई कोर्ट की बात से सहमत हैं या फिर हमें दखल देना चाहिए। हम सिर्फ इतना कहते हैं कि आज इस मामले में सुनवाई करना कठिन होगा। हम यह भी नहीं कहते कि इस केस की सुनवाई नहीं करेंगे।’

इससे पहले बुधवार को बिहार सरकार की यह अर्जी जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल की अदालत में गई थी। लेकिन संजय करोल ने इस केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। उनका कहना था कि वह जब पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे, तब उन्होंने इस मसले की सुनवाई की थी। ऐसे में उनका एक बार फिर से इस मसले पर जुड़ना ठीक नहीं होगा। शीर्ष अदालत में बिहार सरकार के वकील श्याम दीवान ने कहा कि बिहार सरकार ने पहले ही अपने संसाधनों को लगाकर जातीय जनगणना शुरू करा दी है। अब इस पर स्टे लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यह सर्वे बेहद जरूरी है ताकि राज्य की ओर से जनकल्याण की नीतियां तैयार हो सकें।

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