Wednesday, December 6, 2023
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भारत जोड़ो यात्रा में पहुंची महबूबा मुफ्ती ने राहुल-प्रियंका को लगाया गले, कहा- यात्रा ताजा हवा के झोंके जैसी

श्रीनगर

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अपने अंतिम पड़ाव में जम्मू कश्मीर में है. 30 जनवरी को इसका समापन होना है. इस यात्रा के समापन समारोह में पार्टी में तमाम क्षेत्रीय पार्टियों को भी न्योता दिया है. इसी क्रम में ये यात्रा शनिवार को जम्मू कश्मीर के अवंतीपोरा पहुंची. जहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गले लगा लिया.

यात्रा में शामिल होने के बाद मुफ्ती ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कश्मीर के लिए ताजा हवा के झोंके की तरह है क्योंकि 2019 के बाद उसने इतनी बड़ी संख्या में लोगों को अपने घरों से निकलने का मौका दिया है. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और उसे दो संघ शासित प्रदेशों में बांट दिया.

पीडीपी ने ट्वीट किया है, ‘‘राहुल गांधी की यात्रा कश्मीर के लिए ताजा हवा का झोंका है. 2019 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इतनी बड़ी संख्या में कश्मीरी बाहर आ रहे हैं. उनके साथ चलना अच्छा अनुभव रहा.’’ जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री दक्षिण कश्मीर के पुलवाला जिले के चुरसू में राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में शामिल हुईं.

उमर अब्दुल्ला ने भी किया समर्थन
वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी नीत भारत जोड़ो यात्रा को कश्मीर में अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है लेकिन टीवी मीडिया और ‘कश्मीर विशेषज्ञ’ इसपर चुप्पी साधे हुए हैं.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है, ‘‘बड़बोले ज्यादातर चुप हैं और चैनल इसके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन यह देखने के लिए कि आपको किसी खास चश्मे की जरूरत नहीं है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. बड़े, बूढ़े, पुरुष, महिलाएं, सभी सड़कों पर उतर रहे हैं और एकता के लिए मार्च निकाल रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे दुखी करने वाली चुप्पी ‘कश्मीर विशेषज्ञों’ की है जो कश्मीरियों को राष्ट्र-विरोधी, साम्प्रदायिक और असहिष्णु बताने का एक भी अवसर नहीं गंवाते हैं. लोगों की भागीदारी उनके इस प्रोपगैंडा के चेहरे पर तमाचा है और यह उनकी चुप्पी की वजह बताता है.’’
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