नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा वालकर हत्याकांड में आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ मंगलवार को साकेत अदालत में 6,629 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया. अदालत ने आफताब की न्यायिक हिरासत की अवधि दो सप्ताह के लिए बढ़ाकर सात फरवरी तक कर दी. आफताब पर अपनी ‘लिव-इन-पार्टनर’ श्रद्धा की हत्या करने और उसके शव के 35 टुकड़े कर उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग हिस्सों में फेंकने का आरोप है.

जब मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला ने पूछा कि आरोप पत्र कितने पन्नों का है, तो जांच अधिकारी ने कहा कि इसमें 6,629 पन्ने हैं. इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘यह बहुत बड़ा है. आखिरकार आज अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया.’ अदालत ने आफताब की न्यायिक हिरासत की अवधि दो सप्ताह के लिए बढ़ाकर सात फरवरी तक कर दी. मंगलवार को न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर आफताब को वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से अदालत में पेश किया गया था. इस दौरान, आफताब ने अदालत से कहा कि वह अपने वकील एमएस खान को बदलना चाहता है.
छतरपुर इलाके से श्रद्धा के शव के कुछ टुकड़े बरामद किए थे
दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट सीपी मीनू चौधरी ने बताया कि आरोपी का नार्को और पॉलीग्राफिक टेस्ट हुआ था, कई तरह के सवाल किए गए थे. वहीं दिल्ली छतरपुर इलाके में छानबीन की गई और श्रद्धा के शव के कुछ टुकड़े बरामद किए गए. जांच में साइंटिफिक तरीके इस्तेमाल किए गए. डिजिटली भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और जीपीएस लोकेशन को ट्रेक किया गया.
हत्या वाले दिन श्रद्धा अपने दोस्त से मिलकर लौटी थी
ज्वाइंट सीपी मीनू चौधरी ने कहा कि हत्या वाले दिन श्रद्धा अपने किसी दोस्त से मिलने गई थी और यही उसके कत्ल की वजह बना. दरअसल आरोपी आफताब को यह बिलकुल पसंद नहीं था कि श्रद्धा किसी से मिले. श्रद्धा जब घर लौटी तो आरोपी आफताब ने उससे पूछा कि वह कहां गई थी और किससे मिली ? श्रद्धा ने उसे बताया कि वह अपने दोस्त से मिलकर लौटी है, इसके बाद आफताब नाराज हो गया और उसने श्रद्धा की हत्या कर दी. मीनू चौधरी ने कहा कि पहले IPC की धारा 365 में मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन बाद में इसे धारा 302 भी जोड़ी गई.