तेलंगाना में सारण-कटिहार के 11 मजदूर जिंदा जले, कई गांवों में कोहराम

छपरा
हैदराबाद के कबाड़ गोदाम में बुधवार सुबह आग लगने से 11 मजदूर जिंदा जल गए। मरने वालों में आठ सारण और तीन कटिहार के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि गोदाम बोयागुड़ा इलाके में स्थित था और सुबह 4 बजे शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी। सारण में मजदूरों की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
यहां के अमनौर मकेर, मढ़ौरा, परसा और बनियापुर आदि गांवों में मातम छाया हुआ है। मजदूरों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अमनौर अगुआन दलित बस्ती के दो युवकों की मौत हुई है। एक मृतक बिट्टू कुमार राम व दूसरा दीपक राम बताया है। बिट्टू के दो माह पूर्व हैदराबाद के भुईगढा कबाड़ फैक्ट्री में काम पर गया था। वह उस फैक्ट्री में तीन साल से जुड़ा था। अभी शादी नहीं हुई थी। दीपक पांच भाइयों में सबसे छोटा था। सभी भाई अलग-अलग रहते हैं। दीपक को तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। पिता देवनाथ राम घर-गृहस्थी के कार्य करते है।
बनियापुर के बंगाली पट्टी के दो मजदूरों की मौत हुई है। बंगालीपट्टी के बाबूलाल राम का 40 वर्षीय पुत्र दरोगा राम व महेश राम का 35 वर्षीय पुत्र सिंकदर राम बताया जाता है। मकेर के पुरुषोत्तमपुर के पंकज कुमार राम, रिविलगंज के जखुआ गांव का छठी लाल राम व मढ़ौरा के बहुआरा पट्टी के सत्येंद्र राम की दर्दनाक मौत हो गई। परसा के आजमपुर के राधा कृष्ण राम के 22वर्षीय पुत्र राजेश की मौत हुई है जबकि उसका भाई प्रेम झुलस गया है।
मजदूरों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दुख जताया है और दो -दो लाख की अनुदान राशि देने की घोषणा की है। वही उनके शव के लाने की भी व्यवस्था राज्य सरकार के स्तर पर की जा रही है।
जिलाधिकारी राजेश मीणा हैदराबाद के जिलाधिकारी व राज्य सरकार से समन्वय बनाए हुए हैं और घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि सारण जिला प्रशासन मजदूरों के परिजनों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। उधर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने भी प्रत्येक मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। शव के बुधवार की रात या गुरुवार सुबह तक पहुंचने की संभावना जतायी जा रही है।